दोस्तों हमारे आज के इस लेख का टॉपिक है कि किस नौकरी में मेडिकल नहीं होता है? या किस नौकरी के लिए मेडिकल टेस्ट नहीं देना होता है? आज के समय में नौकरी की जरूरत तो हर किसी को ही होती है। चाहे सरकारी हो या प्राइवेट एक नौकरी जीवन यापन के लिए जरूरी है। हालांकि जब हम नौकरी की बात करते हैं तो ज्यादातर विद्यार्थी विद्यार्थियों के मन में सरकारी नौकरी का ही नाम आता है।
ज्यादातर विद्यार्थी एक अच्छे भविष्य के लिए सरकारी नौकरी ही लेना चाहते हैं। Specifically सरकारी नौकरी की ही बात करें तो इसके लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना तो होता ही है, पर साथ ही इसमें सिलेक्शन के लिए medical test भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में जो विद्यार्थी नौकरी की तैयारी करते हैं उनके मन में एक सवाल निश्चय ही रहता है कि किस नौकरी में मेडिकल नहीं होता है? कौन सी नौकरी बिना मेडिकल टेस्ट मिल सकती है? इस लेख में आगे हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सरकारी नौकरी में मेडिकल
कोई भी सरकारी नौकरी ऐसी नहीं है जिसके लिए उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से नहीं गुजरना होता। सीधी सी बात यह है कि यदि सरकार आपको एक परमानेंट (या फिर टेंपरेरी भी) नौकरी दे रही है तो वह यह सुनिश्चित करेगी कि आप मेडिकली पूरी तरह फिट हैं और उस नौकरी को या कहें उस काम को करने के योग्य हैं। जिससे कि बाद में इससे संबंधित कोई समस्या ना हो। अब नौकरियों में तो मुख्य ये दो ही categories हैं, सरकारी और प्राइवेट।
सरकारी नौकरी चाहे कितनी भी छोटी पद के लिए हो या कितनी भी बड़ी पद के लिए हो, आपको joining के लिए एक मेडिकल सर्टिफिकेट तो देना होता ही है और यदि आप ऐसी सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं, जिसमें शारीरिक क्षमता की बहुत जरूरत होती है जैसे की आर्मी आदि तो उसमें तो आपको काफी कठिन मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है।Private नौकरी के लिए मेडिकल टेस्ट सामान्यतः नहीं ही होता है।
सरकारी नौकरी के लिए मेडिकल टेस्ट कैसा होता है?
आपको बता दे कि आप चाहे किसी भी सरकारी नौकरी के पद के लिए जाएंगे। तो उसमें आपको अपना मेडिकल करवाना होगा और मेडिकली fit होने का प्रमाण भी देना होगा। मान लीजिए अगर कोई उम्मीदवार दिव्यांग यानी डिसेबल्ड है। तो फिर ऐसी स्थिति में उसका मेडिकल टेस्ट कुछ अलग तरीके से किया जाता है। जिसके बारे में उस नौकरी के नोटिफिकेशन में जानकारी दे दी जाती है। यह एक काफी अलग ही बात हो जाती है।
आपको बता दें कि क्लार्क, असिस्टेंट आदि जैसे बहुत सारी सरकारी नौकरी होती है। जिसमें उनका मेडिकल टेस्ट एक जैसा ही होता है। आपको किसी भी सरकारी नौकरी में जॉइनिंग से पहले अपना एक मेडिकल सर्टिफिकेट देना ही होता है और आप वह मेडिकल सर्टिफिकेट किसी भी सरकारी अस्पताल से बनवा सकते हैं।
अगर आप सरकारी नौकरी में भी किसी एक पार्टिकुलर डिपार्टमेंट में ज्वाइन कर रहे हैं। तो फिर आपको उस डिपार्टमेंट के हिसाब से एक मेडिकल टेस्ट के प्रक्रिया को फॉलो करना होगा। जो कि उस डिपार्टमेंट द्वारा बनाया गया होगा। वहीं अगर आप आर्मी या फिर रेलवे guard या रेलवे ड्राइवर जैसी सरकारी नौकरी में ज्वाइन होने जा रहे हैं। तो आपको बता दे कि उसमें हर एक उम्मीदवार को मेडिकल फिट होना बहुत जरूरी होता है। साथ ही इनका जो मेडिकल टेस्ट होता है वह भी काफी मुश्किल होता है। यदि आप आर्मी जैसे का मेडिकल टेस्ट देते हैं उसमें आप थोड़ी सी भी कमी देखने को मिलती है। तो आपका सिलेक्शन नहीं होता है।
प्राइवेट नौकरी जिनमे मेडिकल की जरुरत नहीं
Private नौकरी को आप एक तरह से टेंपरेरी यानी अंशकालिक नौकरी कह सकते हैं, जिसमें कंपनी आपको नौकरी और सैलरी आदि देती है। इनमें मेडिकल टेस्ट की ज्यादा कोई गुंजाइश नहीं होती, आप बस अपनी योग्यता के आधार पर नौकरी पाते हैं, और बाद में किसी तरह की समस्या होने पर आपको कंपनी द्वारा निकाला जा सकता है, हालांकि यह निकालने आदि की बात medical test से संबंधित नहीं है। मुख्य बात यही है कि प्राइवेट नौकरी के लिए उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट की कोई ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
यदि ऐसी कोई कंपनी होती भी है जो नौकरी में medical test mention करती है तो generally एक सामान्य मेडिकल सर्टिफिकेट से ही आपका काम चल जाता है। Private नौकरीयों में, IT Field में job या इससे संबंधित किसी भी तरह के क्षेत्र में किसी भी कंपनी में जॉब आ जाते हैं।जैसा कि हमने ऊपर कहा, चाहे आप किसी भी सरकारी पद पर नौकरी प्राप्त करें उसके लिए आपको अपने medically fit होने का प्रमाण तो देना होता ही है।
हां, यदि कोई उम्मीदवार दिव्यांग आदि है, तो उस स्थिति में मेडिकल टेस्ट बदल जाता है जिसके बारे में उस नौकरी की अधिसूचना में भी जानकारी दी हुई होती है, यह असल में एक अलग बात हो जाती है। Clerk, Assistant आदि समेत बहुत सी ऐसी सरकारी नौकरी होती है जिनके लिए बेहद सामान्य मेडिकल टेस्ट होता है। Basically आपको बस जॉइनिंग से पहले एक मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है जो आप किसी सरकारी अस्पताल से बनवा सकते हैं।
इसके अलावा यदि आप किसी विभाग की नौकरी ज्वाइन कर रहे हैं तो आपको उस विभाग द्वारा आयोजित मेडिकल टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना हो सकता है। लेकिन यदि आप Army, या फिर railway guard या railway driver जैसी सरकारी नौकरी के लिए देख रहे हैं तो इनमें उम्मीदवारों का मेडिकली फिट होना उनके नौकरी के लिए बहुत जरूरी हो जाता है इसीलिए इनका मेडिकल टेस्ट काफी कठिन होता है। Army आदि में तो मेडिकल टेस्ट में थोड़ी सी भी कमी रह जाने पर आप सेलेक्ट नहीं किए जाते हैं। हां, यदि प्राइवेट नौकरी की बात करें तो इसके लिए सामान्यत: किसी तरह का कोई मेडिकल टेस्ट नहीं होता है। प्राइवेट कंपनी में आपकी नौकरी सरकारी की तरह ठोस नहीं होती है इसीलिए वहां नौकरी के आप बिना मेडिकल टेस्ट दिए भी जा सकते हैं।
हालांकि कुछ ऐसी बड़ी प्राइवेट कंपनियां हो सकती हैं जोकि नौकरी के लिए आपसे एक मेडिकल का सर्टिफिकेट मांगे पर सामान्यतः प्राइवेट नौकरी की स्थिति में मेडिकल टेस्ट किसी तरह की समस्या नहीं बनती है।अब नौकरी में तो हमने सरकारी और प्राइवेट नौकरियों की बात कर ली कि किनके लिए मेडिकल टेस्ट होता है और किनके लिए नहीं पर नौकरी में तो अन्य भी कई professions/job profile आ जाते हैं। तो उस हिसाब से कहें तो यह कुछ 1-2 ऐसी नौकरियां/professions हैं, जिनमें मेडिकल टेस्ट आता ही नहीं है।
Self Employed,Freelancer,अपना बिज़नेस आदि इसका मतलब होता है स्वरोजगार। यानी कि वह व्यक्ति जो खुद का कोई किसी भी तरह का कोई बिजनेस आदि कर रहा हो। इसमें हम ऑनलाइन बिजनेस ऑनलाइन बिजनेस सारे को गिन सकते हैं। यदि आप इसमें है तो जाहिर है आप अपने स्तर पर खुद काम कर कर पैसे कमा रहे हैं, और उसके लिए आपको मेडिकल टेस्ट की किसी भी तरह की कोई जरूरत नहीं है। इसमें आप अपने हिसाब से काम करते हैं, किसी का आप पर किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं होता है।
Freelancerएक तरह की नौकरी है, जिसे हम प्राइवेट नौकरी के कैटेगरी में रख सकते हैं। आसान भाषा में समझे तो, इसमें आप कोई कंपनी जॉइन नहीं करते हैं पर आपकी जो भी योग्यता हो यानी आप जिस भी काम को कर सकते हैं, जैसे web development, designing, या और भी अलग-अलग फील्ड के बाद सारे काम, उस काम को करने के लिए कंपनी आपको हायर करती है और बस उसी काम के हिसाब से आपको पैसे देती है। इसमें आप कंपनी के एंप्लॉय नहीं होते, बस आपने जिस प्रोजेक्ट पर काम किया आपको उसी के पैसे मिलते हैं। आप इसमें घर बैठ कर ही काम करते हैं, इसलिए इसमें भी किसी तरह की कोई मेडिकल टेस्ट आदि देने की जरूरत आपको नहीं है।आज के इस लेख में हमने बात की है कि किस नौकरी में मेडिकल नहीं होता है।
Private नौकरी के लिए मेडिकल टेस्ट कैसा होता है?
आपको बता दे की प्राइवेट नौकरी में किसी भी तरीके का मेडिकल टेस्ट नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देखा जाए तो प्राइवेट नौकरी एक तरह का टेंपरेरी नौकरी होता है जिसमें केवल नौकरी करने पर आपको सैलरी दी जाती है। इसलिए इन कामों में किसी मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है।
मेडिकल टेस्ट से पहले टिप्स करने के लिए
अब आपको हम कुछ टिप्स बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप अपना मेडिकल टेस्ट आसानी से कर सकते हैं। यदि आप लोगों को कोई भी गंभीर बीमारी नहीं है तो आपको किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है।
आपकी आंखों की नजर तेज होनी चाहिए यदि आप किसी सुरक्षा बल या उससे जुड़े विभाग में जाते हैं। तो उसमें सख्त नजर मानक लागू है और भी सरकारी पद जैसे रेलवे में ड्राइवर, ट्रैकमैन, गेटमैन आदि के लिए भी आंखों का तेज होना जरूरी है। यदि आप चश्मा का इस्तेमाल करते हैं या फिर आपकी नजर बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। तो आप इन पद के अलावा बाकी पदों में सेलेक्ट हो सकते हैं।
सबसे जरूरी किसी भी मेडिकल टेस्ट में हाइजीन होती है। इसलिए इस पर सबसे ज्यादा ध्यान दें और मेडिकल टेस्ट से पहले स्नान करके ही जाएं साथ ही अपने शरीर के नाक, कान आदि जैसे अंगों को साफ रखें। मेडिकल टेस्ट में कुछ X-ray भी किए जाते हैं और ऐसे में अगर आप बटन वाले शर्ट या कोई भी टाइट चीज पहन कर जाते हैं। तो वह एक्सरे में रुकावट ला सकती है। इसलिए कोशिश करें कि जब भी आप मेडिकल टेस्ट के लिए जाएं तो बिना बटन वाले शर्ट ही पहने। ताकि आपको ज्यादा परेशानी ना उठानी पड़े।
अच्छा होगा कि अगर आप किसी भी मेडिकल टेस्ट में जा रहे हो। तो आप उससे पहले ही अपने आंखों का चेकअप करा ले। साथ ही अपने ब्लड प्रेशर को भी चेक कर ले। इससे आपको पहले ही अपने कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट की तैयारी में मदद मिल जाएगी। साथ ही आपका ब्लड प्रेशर टेस्ट आपकी टेंशन यानी तनाव के लेवल पर भी ध्यान रखने में मदद मिलती है। आपको मेडिकल टेस्ट के दौरान कपड़े उतारने की जरूरत पड़ सकती है। मेडीकल टेस्ट में ईसीजी भी कराई जाती है और ईसीजी कराने के लिए कपड़े उतारने की जरूरत पड़ती हैं। इसलिए ऐसे में शर्मिंदा होने से बचे और अंदर कुछ साफ सुथरे और ढंग के अंडर गारमेंट्स पहनें।
जनरल मेडीकल टेस्ट
अब आपको हम कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट के बारे में बताएंगे। तो पूरे 8 टेस्ट जरूरी होते हैं इसके बारे में अब हम जानेंगे।
फुल बॉडी चेकअप
पहला है फुल बॉडी चेकअप जिसमें यूरीन टेस्ट, आंख और कानों की जांच, ब्लड शुगर टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल, किडनी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, कैंसर टेस्ट, ब्लड टेस्ट आदि जैसे टेस्ट किए जाते हैं। आपको बता दे की सबसे पहले डॉक्टर आपके शरीर को एसेस करती है। और उसके बाद ही आपके अलग-अलग टेस्ट के लिए आपके सजेशन दिए जाते हैं।
Blood test
यह फुल बॉडी चैकअप का सबसे पहले टेस्ट जिसका नाम ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट सबसे जरूरी जांच है इस टेस्ट की मदद से लोगों के शरीर के हीमोग्लोबिन का लेवल, पॉलिमोर्फ्स, लिंफोसाइट, मोनोसाइट, प्लेटलेट्स आदि के लेवल के बारे में पता चलता है। साथ ही इस टेस्ट की मदद से शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि की भी जांच की जाती है।
Urine test
दूसरे टेस्ट का नाम है यूरिन टेस्ट इस टेस्ट में इंसान के शरीर के ग्लूकोज और प्रोटीन की मात्रा का जांच होता है। और उनके लेवल का पता चलता है।
ECG test
ईसीजी एक टेस्ट ऐसा टेस्ट है जिसमें दिल से जुड़ी सभी बीमारियों का पता चलता है। इसलिए यह टेस्ट कराया जाता है।
Eye test
आई test एक ऐसा टेस्ट है जिसमें आपकी आंखों से रिलेटेड सभी टेस्ट किए जाते हैं कि आपकी आंख सही से काम कर रहे हैं या नहीं। जैसे इसमें ब्लाइंडनेस, मायोपिया जैसे कंडीशन का अंदाजा हो जाता है। आई टेस्ट के साथ-साथ और टेस्ट भी होते हैं। जिसमें लोगों की सुनने की क्षमता का टेस्ट किया जाता है।
X-Ray
यदि डॉक्टर को आप में कुछ दिक्कत दिखती है तो वह आपको x-ray या फिर स्कैन टेस्ट करने के लिए सलाह देता है।
Liver function Test
Liver function Test एक ऐसा टेस्ट है जिसमें प्रोटीन, एल्बुमिन, ग्लोबुलिन, बिलरुबिन, एसजीओटी आदि जैसे टेस्ट किए जाते हैं। इस test को LFT के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि आपकी फुल बॉडी चैकअप में कैंसर से जुड़े टेस्ट भी करवाए जाते हैं। क्योंकि बढ़ती उम्र में महिलाओं या फिर पुरुष दोनों में ही कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। आखरी में किडनी से जुड़े किसी भी बीमारी की जांच के लिए किडनी फंक्शन टेस्ट कराए जाते हैं।
यहां हमने सरकारी, प्राइवेट और इसके अलावा कुछ और नौकरियों (या कहें प्रोफेशन) के बारे में बात की है जिनके लिए आपको मेडिकल टेस्ट नहीं देना होता है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपके लिए informative रही होगी, इससे संबंधित कोई प्रश्न आदि हो तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं। यहां तक यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
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हे दोस्तों, मेरा नाम गोविन्द है में इस ब्लॉग GtechHindi का फाउंडर और सीनियर एडिटर हूँ। मैं By Profession ऑटोमोबाइल इंजीनियर हूँ और By Passion डिजिटल मार्केटिंग और ब्लॉग्गिंग करता हूँ जो की मेरा शौक है।
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“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
” be the best version of yourself”